क्या हमारे अपने सही-सलामत लौट आएंगे?” यही सवाल इन दिनों बरेली के किला क्षेत्र के गढ़ईया मोहल्ले के घर-घर में गूंज रहा है. वजह है, वहां के 6 तीर्थयात्री, जो पवित्र ज़ियारत के लिए ईरान गए थे, लेकिन अब ईरान-इज़राइल के बीच छिड़े युद्ध के बीच जान हथेली पर लिए वहीं फंसे हुए हैं.
इन तीर्थयात्रियों में सलीम हैदर और उनकी पत्नी नौशाद परवीन सहित यूपी के अन्य जिलों से कुल 16 भारतीय नागरिक शामिल हैं, जो पिछले माह कर्बला ज़ियारत के लिए निकले थे, लेकिन अब, युद्ध ने उन्हें चारों ओर से घेर लिया है. चारों तरफ बम धमाकों की आवाज, तबाही का मंज़र और स्वास्थ्य सुविधाओं की भारी कमी है.
बहते आंसुओं के साथ मदद की अपील
ईरान से एक वीडियो संदेश में सलीम हैदर और नौशाद परवीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है. “हम भारत लौटना चाहते हैं… हमारी तबीयत भी बिगड़ रही है… बम धमाके रुक नहीं रहे… हमारे साथ कई बुजुर्ग और बीमार हैं… हमें यहां से निकालिए… हम आपके सामने हाथ जोड़ते हैं…” वीडियो सामने आने के बाद बरेली के किला क्षेत्र में तनाव और बेचैनी है. शहजाद बानो, जो नौशाद की बहन हैं, का कहना है, “हर फोन कॉल दिल को दहला देती है… जब-जब बात होती है, वे सिर्फ यही कहते हैं: हमें बचा लो…”
दवाएं नहीं, डॉक्टर नहीं, धमाकों से सहमे चेहरे
परिजनों ने बताया कि तीर्थयात्रियों के जत्थे में कई बुजुर्ग और बीमार लोग हैं. उन्हें दवाएं तक नहीं मिल रही हैं. आसपास डॉक्टर और अस्पतालों तक पहुंचना मुमकिन नहीं है. कमाल हैदर, सलीम के रिश्तेदार, बताते हैं, “हर ओर सिर्फ धमाकों की आवाज़ है… नींद नहीं, खाना नहीं, इलाज नहीं… सिर्फ दुआ है कि वो लोग सही सलामत लौट आएं.”
भारत सरकार से भावुक अपील
सभी परिजनों ने केंद्र और राज्य सरकार से आपातकालीन रेस्क्यू ऑपरेशन की मांग की है. उन्होंने कहा कि जो लोग ईरान में फंसे हैं, उन्हें तत्काल भारत लाया जाए. “अगर हमारे अपने सुरक्षित लौट आए, तो हम ज़िंदगी भर मोदी जी और योगी जी का अहसान नहीं भूलेंगे…”
स्थिति बेहद गंभीर, दुआओं और निर्णय की घड़ी
बरेली ही नहीं, यूपी के अन्य जिलों में भी ऐसे कई परिवार हैं जो अपने अपनों की सलामती के लिए हर दिन दुआ और इंतजार कर रहे हैं. यह वक्त सिर्फ एक बचाव नहीं, मानवीय जिम्मेदारी का है. भारत सरकार की त्वरित पहल ही इन ज़िंदगियों को सुरक्षित घर वापस ला सकती है.