
मुंबई मेट्रो की रेड लाइन (लाइन 7) पर रविवार शाम डेवीपाड़ा (Devipada) स्टेशन से कुछ ही दूरी पर एक ड्राइवरलेस कोच अचानक धुएं से भर गया। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह एक कोच में सफर कर रहे यात्री अचानक घबराहट से भर गए, कोई दरवाजों में टकरा रहा है तो कोई हाथों से धुआं झटकने की कोशिश कर रहा है
स्थानीय वक्ताओं और शीर्ष अधिकारियों के अनुसार, गंदी धुँआ वाली एक निजी बस ने स्टेशन से थोड़ी दूरी पर अचानक आग पकड़ी, जिससे निकला धुआँ मेट्रो पटरियों के पास पहुंचा और मेट्रो कोचों में प्रवेश कर गया । मेट्रो में सवारी कर रहे यात्रियों को किसी तरह सूचना नहीं मिली, जिससे उनमें भयंकर डर और अफरा-तफरी फैल गई। कई यात्री मोबाइल फ़ोन पर कैमरा घुमा कर इस भयावह मंज़र को कैद करते दिखे।
दुर्घटना की तीव्रता और प्रतिक्रिया:
*वायरल वीडियो से पता चलता है कि धुंआ इतनी तेज़ी से फैलता गया कि कुछ कोच वीरान-सा दिखाई दिया जबकि दूर खड़ी मेट्रो ट्रेनें धुएँ से घिरी थीं।
*घटना के तुरंत बाद, मेट्रो कंट्रोल रूम और आपातकालीन दस्ते सक्रिय हुए और यात्रियों को सुरक्षित हटाया गया ।
*हालांकि अभी तक कोई गंभीर चोटिल यात्री या दम घुटने की आशंका वाले मामले सामने नहीं आए हैं, लेकिन यह घटना मुंबई की ड्राइवरलेस ट्रेनों की सुरक्षा प्रणाली पर व्यापक सवाल खड़े करती है।
🔍 संभावित कारण और जांच की स्थिति:
*प्रारंभिक जांच के अनुसार, घटना का कारण संभवतः बाहर खड़ी निजी बस में आग लगना है, जिसे मेट्रो स्टेशन से थोड़ी देर पहले देखा गया था
*प्रशासन सुरक्षा प्रक्रियाओं और अलर्ट सिस्टम पर दोबारा समीक्षा कर रहा है, खासकर मौजूदा ड्राइवर‑रहित कोचों के लिए।
*एक्सपर्ट्स सुझाव दे रहे हैं कि हादसे को जल्द से जल्द एक शिकस्त बनने से रोकने के लिए, यात्रियों को धुएँ से बचने की सूचना देने वाले स्वचालित अलार्म सिस्टम को अपडेट किया जाए।
जनता की प्रतिक्रिया:-
सोशल मीडिया पर आपातकालीन प्रक्रियाओं की कमी और मेट्रो प्रशासन की तत्परता को लेकर तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है। कुछ यात्रियों ने लिखा
“हमें कुछ नहीं बताया गया, अचानक ट्रेन धुएँ में घिर गई… अफरा-तफरी मच गई।”
टैग #MumbaiMetroSafety ट्रेंड करने लगा, जिसमें लोगों ने तत्काल सुधार की मांग की है।
🛡️ एमएमएमओसीएल की कार्रवाई
महाराष्ट्र मेट्रो संचालन निगम (MMMOCL) ने घटना की पुष्टि की है और कहा कि वह एक स्वतंत्र जांच शुरू करेगा। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने निम्न कदम उठाने का आश्वासन दिया है:
तत्काल कोच अलार्म और आवाज आधारित स्वचालित अलर्ट सक्रिय करना
सभी स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा और निगरानी कैमरे लगाना
आग एवं धुएँ से बचाव के मानकों की नियमित समीक्षा
यह घटना मुंबई मेट्रो की तकनीकी उन्नति के बावजूद सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर करती है। यात्रियों को किसी भी अप्रत्याशित स्थिति में समय-सीमा सूचना नहीं मिल पाना चिंताजनक है। सवाल उठ रहे हैं: क्या ड्राइवर‑रहित मेट्रो सिस्टम भविष्य के भयंकर हादसों के लिए पर्याप्त तैयारी रखती है? यह समय की मांग है कि सुरक्षा को केवल एक बटन दबाने और ट्रेन चलाने से ऊपर उठकर लिया जाए।