
बॉलीवुड एक्स्ट्रेस और बिग बॉस फेस शेफाली जरीवाला की 42 साल की उम्र में अचानक मौत हो गई. उनके निधन की खबर सुनते ही हर कोई हैरान रह गया. माना जा रहा है कि शेफाली की मौत कार्डियक अरेस्ट (SCA) के कारण हुई है. शेफाली के परिजनों की मानें तो वह हार्ट की परेशानी से जूझ रही थीं और इसका इलाज भी चल रहा था. मौत से एक दिन पहले तक वह बिल्कुल ठीक दिख रही थीं, लेकिन अचानक उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. दावा यह भी किया जा रहा है कि शेफाली जरीवाला यंग दिखने के लिए पिछले 5-6 सालों से एंटी एजिंग ड्रग्स ले रही थीं. अब सवाल है कि क्या एंटी एजिंग ड्रग्स लेने से कार्डियक अरेस्ट की नौबत आ सकती है? इस बारे में कार्डियोलॉजिस्ट से जानने की कोशिश करते हैं. नई दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल की सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. वनीता अरोरा ने News18 को बताया कि एंटी एजिंग ड्रग्स को अगर बिना प्रिस्क्रिप्शन के लिया जाए, तो यह जानलेवा हो सकता है. इन ड्रग्स के सैकड़ों साइड इफेक्ट होते हैं, जिनमें से एक सडन कार्डियक अरेस्ट (SCA) भी है. एंटी एजिंग ड्रग्स हार्ट में इलेक्ट्रिकल शॉर्ट सर्किटिंग कर देते हैं, जिससे सडन कार्डियक अरेस्ट आ सकता है. इस कंडीशन में लोगों का हार्ट अचानक खून को पंप करना बंद कर देता है और हार्ट स्टैंड स्टिल पोजीशन में चला जाता है. इससे ब्रेन और शरीर के अन्य हिस्सों में खून की सप्लाई रुक जाती है. कार्डियक अरेस्ट सोते वक्त भी अचानक हो सकता है और यह चलते फिरते भी हो सकता है. इसके पहले से कोई लक्षण नहीं दिखते हैं. डॉक्टर वनीता ने बताया कि कार्डियक अरेस्ट आने पर लोग अचानक बेहोश हो जाते हैं और हार्टबीट अबनॉर्मल हो जाती है. नॉर्मल हार्ट बीट 60-90 bpm के बीच होती है, जो कार्डियक अरेस्ट में 250-350 bpm तक हो जाती है. कार्डियक अरेस्ट आने के बाद कुछ मिनट में ही इलाज न मिले तो मरीज की मौत हो जाती है. करीब 90% मामलों में लोगों की मौत हॉस्पिटल तक पहुंचने से पहले ही हो जाती है. सिर्फ एंटी एजिंग ही नहीं, बल्कि एंटीबायोटिक, एंटी एलर्जिक, एंटी हिस्टामाइन दवाएं भी कार्डियक अरेस्ट की वजह बन सकती हैं. भारत में अधिकतर लोग बुखार, जुकाम, खांसी होने पर केमिस्ट से पूछकर दवाएं खा लेते हैं, लेकिन ऐसा करना भी दिल की सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक होता है. किसी भी दवा को लेने से पहले डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए.कार्डियोलॉजिस्ट की मानें तो हार्ट अटैक आने के बाद मरीज को कुछ घंटे मिलते हैं, जिसमें इलाज मिल जाए तो मरीज की जान बच जाती है. जबकि कार्डियक अरेस्ट में लोगों को सोचने-समझने का मौका ही नहीं मिलता है. अगर किसी व्यक्ति को बहुत एक्सटेंसिव हार्ट अटैक भी आ जाए, तो उससे कार्डियक अरेस्ट हो सकता है. हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट से बचने के लिए लोगों को किसी भी दवा का सेवन करने से पहले डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए. अगर कोई एंटी एजिंग ड्रग्स लेना चाहता है, तो उसे हर हाल में कार्डियोलॉजिस्ट से पहले सलाह लेनी चाहिए. हार्ट डिजीज के मरीजों को किसी भी तरह की दवा अपनी मर्जी से नहीं लेनी चाहिए, वरना इस कंडीशन में यह ज्यादा खतरनाक हो सकती है.