
|| दीपक देवदास, बालोद ||
डॉक्टर डे विशेष: चिरायु की टीम गुरुर ब्लॉक के वनांचल के लिए बनी वरदान
पिछड़े और गरीब तबके के बच्चों का करवा रही इलाज, गंभीर बीमारियों का भी निकाला जा रहा है समाधान
गुरुर। डॉक्टर डे (विश्व चिकित्सक दिवस) पर हम गुरुर ब्लॉक में कार्यरत चिरायु की टीम के कार्यों को सामने ला रहे हैं। जो शासन की योजना के तहत कार्य तो कर ही रहे हैं लेकिन उनके कारण गुरुर ब्लॉक के खास कर वनांचल के लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा भी नसीब हो रही है। खासकर छोटे बच्चों के लिए चिरायु की टीम वरदान साबित हो रही है। इस टीम का नेतृत्व करने वाले मेडिकल ऑफिसर डॉली शिवांगी साहू से हमने बातचीत कर उनके कार्यों और बच्चों को मिल रही सुविधाओं के बारे में जाना तो कई ऐसी बातें सामने आई जो तारीफ के काबिल है। मेडिकल ऑफिसर शिवांगी साहू ने बताया कि गुरुर ब्लॉक के कई वनांचल क्षेत्र ऐसे हैं जहां आज भी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है। वहां आंगनबाड़ी केंद्रों में भी बेहतर सुविधा नहीं है तो अस्पताल में भी चिकित्सकों की कमी है । ऐसी जगह पर हमारी चिरायु की टीम बीच-बीच में जाकर स्थानीय ग्रामीणों का इलाज तो कर ही रही है तो वही राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत शून्य से 18 साल तक के बच्चों की पहचान करके उनके इलाज की उचित व्यवस्था की जाती है। आंगनबाड़ी से लेकर स्कूलों के बच्चों के स्वास्थ्य की जांच चिरायु टीम द्वारा की जाती है और जो भी गंभीर बीमारी से पीड़ित पाए जाते हैं उन्हें अपने स्तर पर इलाज तो किया जाता है जो ठीक नहीं हो पाते उन्हें हायर सेंटर रेफर किया जाता है। इस बीच चिरायु की टीम द्वारा कई विशेष कार्य भी किए गए हैं ।जो खासकर वनांचल के बच्चों के लिए एक बड़ी सौगात साबित हुई है ।डॉक्टर शिवांगी साहू ने बताया कि उन्हें यहां पदस्थ हुए 6 महीने हो चुके हैं। इस दौरान वे कुछ जरूरतमंद बच्चों का इलाज के लिए उन्हें अलग-अलग अस्पतालों में एडमिट करवा कर उनका सफल इलाज करवा चुकी है। कन्हारपुरी और उसरवारा के कुछ बच्चों का इलाज उन्होंने करवाया है । जो हृदय रोग हृदय में छेद संबंधित तो कोई बोलचाल तालू से संबंधित कठिनाई से जूझ रहे थे। जिन बच्चे को जैसी जरूरत पड़ती है उनका उसी तरह से इलाज कराया जाता है। कुछ बच्चों को उनके द्वारा सत्य साईं अस्पताल में भर्ती कराकर सफल इलाज करवाया गया है । उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी और स्कूलों में जाकर हम जरूरतमंद उपेक्षित, कुपोषित या किसी तरह की बीमारी से ग्रसित बच्चों की पहचान करते हैं। जिनका इलाज स्थानीय स्तर पर संभव हो पाता है , जो हमारे पास स्वास्थ्य सुविधाएं दवाई कीट आदि उपलब्ध होते हैं उनसे हम इलाज करने की पूरी कोशिश करते हैं। जो हमसे संभव नहीं हो पाता उन्हें उच्च चिकित्सालय में रेफर कर उनके इलाज की व्यवस्था की जाती है। दूसरे जिले के अस्पतालों में भी अगर किसी को भर्ती कराते हैं तो उन बच्चों को भर्ती करने और उनके छुट्टी होने पर उन्हें वापस लाने की जिम्मेदारी भी चिरायु टीम उठाती है और गाड़ी भेज कर बच्चों को घर लाया जाता है। उन्होंने बताया कि गुरुर ब्लॉक के वनांचल में चिरायु की टीम जाने से लोगों में काफी खुशी देखने को मिलती है। स्थानीय स्तर पर उन्हें स्वास्थ्य सुविधा नसीब नहीं हो पाती है। चिरायु की टीम उनके अंदरूनी गांव पहुंचकर उनका इलाज करती है। जरूरतमंद बच्चों और ग्रामीणों को भी खासकर पालकों को हमारे द्वारा कुपोषण दूर करने , खून की कमी दूर करने से संबंधित दवाइयां आदि दी जाती है। तो वही पालकों और बच्चों को जन्मजात बीमारी , कुपोषण आदि से संबंधित जानकारी देकर जागरूक भी किया जाता है। आंगनवाड़ी में आने वाले तीन माह से 6 साल तक के बच्चों का निशुल्क इलाज चिरायु की टीम द्वारा किया जाता है। तो वही स्कूल के बच्चों का भी इस योजना के तहत स्वास्थ्य परीक्षण और इलाज होता है। इस टीम में प्रमुख रूप से मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर डीसी जैन, मेडिकल ऑफिसर डॉली शिवांगी साहू, झरना देशमुख फार्मासिस्ट और पदमा बंजारे एन एम कार्य कर रहे हैं जो लगातार गुरुर ब्लॉक के कोने कोने में जाकर बच्चों और ग्रामीणों को भी स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचा रहे हैं।
क्या है योजना जो सबको जानना है जरूरी
डॉ शिवांगी साहू ने बताया एनएचएम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम जीरो से लेकर 18 वर्ष तक के बच्चों को लेकर चलाया जा रहा है। जिसमें एनएचएम के तहत जो टीम है वह फील्ड के दौरान स्कूल और आंगनबाड़ी का विजिट करती हैं। जिसके अंतर्गत बच्चों में पाए जाने वाली जन्मजात विकृति, तालु होंठ या हृदय से संबंधित बीमारियां क्लब फुट ( टैलिप्स इक्विनोवरस) इत्यादि का उपचार के लिए हायर सेंटर तक ले जाकर चिकित्सा सुविधा प्रदान कराई जाती है। ऐसे ही एक केस गुरुर ब्लॉक के ग्राम उसरवारा से कुशांत सिंह साहू का आया जो 4 वर्ष के हैं। जो जन्म से ही हृदय रोग से ग्रसित थे। कुशांत के हृदय में एक छेद था जिसे एनएचएम के ऑफीसर डां.डॉली शिवांगी साहू और उनकी टीम द्वारा श्री सत्य साईं हॉस्पिटल ले जाया गया ,और वहां पर कुशांत का ऑपरेशन हुआ और आज कुशांत साहू बहुत ही स्वस्थ जीवन जी रहा है । उन्होंने कहा कि आज लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। एनएचएम के माध्यम से सरकार बहुत सारी सुविधा आम जनता को दे रही है लेकिन जानकारी के अभाव में लोगों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।