नई दिल्ली/लखनऊ
कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी आज अपना 55वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस अवसर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ-साथ विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने भी उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। खास बात यह रही कि समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी राहुल गांधी को जन्मदिन की बधाई एक विशेष अंदाज में दी। अखिलेश ने न सिर्फ उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं, बल्कि उनके “समावेशी और समग्र सामाजिक-राजनीतिक सक्रियता” की भी सराहना की।

अखिलेश यादव की बधाई से मजबूत हुआ दोस्ती का संदेश
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट करते हुए लिखा –
“श्री राहुल गांधी जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई व सौहार्दपूर्ण, समावेशी, समायोजनकारी, समग्र सामाजिक-राजनीतिक सक्रियता के लिए शुभकामनाएँ!”
यह संदेश केवल एक औपचारिक बधाई नहीं, बल्कि सपा-कांग्रेस गठबंधन की राजनीतिक गर्माहट और परिपक्वता का संकेत भी माना जा रहा है। राहुल गांधी और अखिलेश यादव की लोकसभा से लेकर सार्वजनिक मंचों तक की नजदीकियों ने दोनों दलों के कार्यकर्ताओं में सहयोग की भावना को भी प्रबल किया है।
गठबंधन में तनाव के बावजूद दिखा सौहार्द
हालांकि, राहुल गांधी और अखिलेश यादव की दोस्ती के विपरीत, सपा-कांग्रेस गठबंधन में बीते कुछ समय से खटास की खबरें भी सामने आई हैं। खासतौर पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद द्वारा बार-बार समाजवादी पार्टी को “बड़ा भाई” मानने से इनकार करना और गठबंधन पर सवाल खड़े करना, गठबंधन में मतभेद की ओर इशारा कर रहा है।
इमरान मसूद ने कुछ दिनों पहले कहा था कि कांग्रेस अब उत्तर प्रदेश में छोटी पार्टी नहीं रही और सपा को ‘बड़ा भाई’ मानना अब व्यवहारिक नहीं है। इसके जवाब में सपा की ओर से स्पष्ट कर दिया गया कि गठबंधन को लेकर कोई भी निर्णय सपा नेतृत्व ही करेगा, और इमरान मसूद की निजी राय को पार्टी की आधिकारिक स्थिति नहीं माना जा सकता।
2024 लोकसभा चुनाव में मिली कामयाबी
गौरतलब है कि सपा और कांग्रेस ने 2024 का लोकसभा चुनाव इंडिया गठबंधन के तहत मिलकर लड़ा, जिसमें उन्हें अप्रत्याशित सफलता मिली।
समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक सीटें जीतकर खुद को राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी के रूप में स्थापित किया।
कांग्रेस ने भी 6 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की, जो 2019 के मुकाबले भारी बढ़त है, जब वह केवल रायबरेली सीट ही जीत सकी थी।
इस चुनावी सफलता ने दोनों दलों को यह समझाया कि विभाजन नहीं, एकजुटता ही जीत की कुंजी है, खासकर भाजपा जैसी संगठित ताकत के सामने।
क्या 2027 विधानसभा चुनाव में भी साथ होंगे?
राहुल गांधी के जन्मदिन की इस गर्मजोशी भरी बधाई के बाद राजनीतिक हलकों में यह चर्चा तेज हो गई है कि 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में क्या सपा-कांग्रेस साथ होंगे? हालांकि गठबंधन में कुछ असहमतियाँ हैं, लेकिन बड़े नेताओं के स्तर पर संवाद और सौहार्द इसे लंबे समय तक बनाए रख सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी और अखिलेश यादव के व्यक्तिगत संबंध और एक-दूसरे के प्रति सम्मान गठबंधन की दीवार को मजबूत बनाए रखते हैं, बावजूद इसके कि कुछ नेताओं के बयान विवादों को जन्म दे रहे हैं।
राहुल गांधी का 55वां जन्मदिन केवल एक व्यक्तिगत उत्सव नहीं रहा, बल्कि यह दिन एक राजनीतिक संदेश भी लेकर आया—विपक्षी एकता, समावेशी राजनीति और आपसी सहयोग की दिशा में एक सकारात्मक संकेत। अब देखना होगा कि इस सौहार्द की ऊर्जा आगामी चुनावों तक बरकरार रहती है या वक्त के साथ धूमिल हो जाती है।