
दिल्ली इलेक्शन से पहले दिल्ली में झुग्गी-बस्तियों वालों को फ्लैट्स में बसने के लिए PMAY योजना के तहत उन्हें फ्लैट्स दिए गए थे. यह फ्लैट्स दिल्ली के कई अलग-अलग इलाकों में DDA द्वारा बनाए गए थे. ऐसे ही कुछ फ्लैट्स DDA ने दिल्ली के अशोक विहार इलाके भी बनाए थे, जिनमें जनवरी के महीने में दिल्ली चुनाव से पहले झुग्गी-बस्तियों में रहने वाले लोगों को वहां पर प्लान के तहत रीएस्टेब्लिश किया गया था, लेकिन अब इन्हीं फ्लैट्स की हालत काफी बुरी हो गई है. आइये लोकल18 की इस रिपोर्ट में आपको बताते हैं कि यहां पर क्या-क्या परेशानियां लोगों को अब उठानी पड़ रही हैं.
हाथ जोड़कर CM रेखा गुप्ता से मदद की लगाई गुहार
लोकल18 की टीम जब यहां पर ग्राउंड जीरो पर पहुंची तो उन्होंने देखा कि बाहर से देखने पर तो यह फ्लैट काफी अच्छे लग रहे थे, लेकिन जैसे ही आप गेट से अंदर जाते हैं तो बदबू का एक पूरा झोंका आपकी तरफ आता है. वहीं आसपास इतनी गंदगी है कि ऐसा लगता है मानो आप किसी म्युनिसिपैलिटी की किसी बड़ी डंपिंग साइट पर खड़े हों.
लोकल18 की टीम जब यहां पर ग्राउंड जीरो पर पहुंची तो उन्होंने देखा कि बाहर से देखने पर तो यह फ्लैट काफी अच्छे लग रहे थे, लेकिन जैसे ही आप गेट से अंदर जाते हैं तो बदबू का एक पूरा झोंका आपकी तरफ आता है. वहीं आसपास इतनी गंदगी है कि ऐसा लगता है मानो आप किसी म्युनिसिपैलिटी की किसी बड़ी डंपिंग साइट पर खड़े हों.
ऐसे में जब हमने यहां पर रह रहे एक व्यक्ति रामबाबू सोनी से बात की तो उन्होंने पहले तो रोना शुरू कर दिया और फिर हाथ जोड़कर CM रेखा गुप्ता से मदद की गुहार लगाई. उनका कहना था कि यहां पर गंदगी तो फैली ही है, जिसकी वजह यहां पर रहने वाले लोग तो ही हैं.. जो साफ सफाई का ध्यान नहीं रख रहे हैं. वहीं यहां पर साफ सफाई करने कोई आता भी नहीं है. इसके अलावा पानी की दिक्कत यहां सबसे बड़ी है. उन्होंने कहा कि यहां पर खारा पानी आता है, जिसमें बदबू आती है. पीने से बदन में खुजली उठती है, इसलिए लोग 16 मंजिला बिल्डिंग से नीचे आकर साफ पानी खरीदते और भरते हैं. उनका CM रेखा गुप्ता को हाथ जोड़कर कहना था कि वह इससे पहले अपनी झुग्गियों में ही ठीक थे, क्योंकि वहां पर साफ पानी तो आता था और उनका जीना इतना दुश्वार नहीं था, जबकि यहां पर उनको मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.बिजली किसी फ्लोर में है किसी में नहीं, लिफ्ट भी हो जाती है बंद
पूनम नाम की एक महिला का कहना था कि इस बिल्डिंग के किसी फ्लोर में लाइट आती है और किसी फ्लोर में लाइट नहीं आती है, इसलिए लाइट के कारण भी यहां पर दिक्कतों का लोग सामना कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि वह 9th फ्लोर पर रहती हैं और वहां से वह कभी कभार अपने बीमार पति को लेकर नीचे सीढ़ियों से आती हैं, क्योंकि कभी कबार यहां पर लिफ्ट भी काम नहीं करती है.
पूनम नाम की एक महिला का कहना था कि इस बिल्डिंग के किसी फ्लोर में लाइट आती है और किसी फ्लोर में लाइट नहीं आती है, इसलिए लाइट के कारण भी यहां पर दिक्कतों का लोग सामना कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि वह 9th फ्लोर पर रहती हैं और वहां से वह कभी कभार अपने बीमार पति को लेकर नीचे सीढ़ियों से आती हैं, क्योंकि कभी कबार यहां पर लिफ्ट भी काम नहीं करती है.
यहां पर करीबन 2 महीने से रह रहे एक बुजुर्ग व्यक्ति का कहना था कि यहां एक बड़ी दिक्कत यह भी है कि जब लिफ्ट नहीं चलती है तो लोग नीचे से पानी भर के 16 मंजिल तक अपने कंधे पर उठाकर सीढ़ियों से उसे लाते हैं.. यह लोगों के लिए इस वक्त यहां पर सबसे बड़ी मुश्किल बनी हुई है, क्योंकि यहां पर पानी साफ नहीं आता है, इसलिए उनको खरीदने या फिर पानी भरने के लिए नीचे आना पड़ता है.