
चांदनी चौक की तंग गलियों में आम दिनों की तरह भीड़भाड़ तो थी, लेकिन किसी को अंदेशा नहीं था कि दिल्ली पुलिस आज किसी बड़ी कार्रवाई की तैयारी में थीं. दरअसल, दिल्ली पुलिस की एंटी-नारकोटिक्स सेल और कमला मार्केट थाने की ज्वाइंट टीम को जानकारी मिली थी कि चांदनी महल क्षेत्र के चूड़ीवालान इलाके में कुछ संदिग्ध लोग रह रहे हैं, जो अवैध रूप से भारत में घुसे हैं.
महीनों की निगरानी, टेक्निकल इंफार्मेशन और जमीनी स्तर पर की गई मैनुअल सर्विलांस के बाद आखिरकार पुलिस ने छापा मारने का फैसला किया. इस विशेष ऑपरेशन के लिए एक विशेष टीम गठित की गई. 20 जून की सुबह पुलिस की टीम ने गुपचुप तरीके से चूड़ीवालान के एक मकान को घेर लिया, जहां संदिग्धों के छिपे होने की खबर थी. दरवाजे पर दस्तक देने के बाद पुलिस की टीम मकान का दरवाजा खुलने का इंतजार करने लगी.
जैसे ही दरवाजा खुला, पुलिस की टीम धड़धड़ाते हुए घर के भीतर घुस गई. कोई कुछ समझ पाता इससे पहले चार महिलाओं को पकड़ लिया गया. घर की तलाशी लेने पर वहां एक 7 साल का लड़का और 3 साल की बच्ची भी वहीं पाई गईं. पकड़ी गई महिलाओं की पहचान मरियम (50 वर्ष), तुलतुल (32 वर्ष), शिवली (28 वर्ष) और अर्जिया (30 वर्ष) के तौर पर हुई. पूछताछ में पता चला कि सभी आरोपी बांग्लादेश के जसोर जिला के अंतर्गत आने वाले मुनिरामपुर के रहने वाले है.
पूछताछ के दौनान, इन महिलाओं ने बताया कि इन सभी ने भारत में घुसपैठ की थी और लंबे समय से यहां छिपकर रह रहे थे. प्रारंभिक पूछताछ में उन्होंने खुद को मेड और मजदूरी करने वाली बताया. अब इन महिलाओं पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है. पुलिस ने सभी के खिलाफ विदेशी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच एजेंसियों को सूचित कर दिया गया है.