
|| दीपक देवदास, बालोद ||
बालोद। आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष बालक साहू सहित अन्य पदाधिकारियों ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर बालोद जिले खास कर शहरों में आवारा मवेशियों के कारण बढ़ती दुर्घटनाओं को रोकने की मांग की है। इस पर आम आदमी पार्टी ने चिंता जाहिर करते हुए प्रदेश स्तर पर ज्ञापन सौंपने का अभियान चलाया और प्रत्येक जिला मुख्यालय में पदाधिकारियों द्वारा कलेक्ट्रेट जाकर ज्ञापन देकर इस मुद्दे को उठाया गया है। इस क्रम में बालोद और गुरुर के आम आदमी पार्टी से जुड़े पदाधिकारी ने कलेक्टर दफ्तर पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। जिला अध्यक्ष बालक साहू ने शहरों में आवारा पशुओं से हो रही दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि हर बड़े शहर में सड़कों पर आवारा जानवरों की समस्या एक बड़ी चुनौती बन गई है, जिससे दुर्घटनाओं और अन्य समस्याओं का खतरा बढ़ गया है. आवारा पशु में ज्यादातर संख्या कुत्तों की है उसके बाद गायों का नंबर आता है.सड़कों पर आवारा पशुओं के कारण यातायात बाधित होता है, जिससे जाम की समस्या होती है. आवारा पशु पार्कों और अन्य हरियाली वाले क्षेत्रों में घूमती हैं, जिससे पौधों और हरियाली को नुकसान होता है. आवारा पशुओं के कारण सड़क दुर्घटनाएँ आम हो गई हैं, जिससे जानमाल का नुकसान हो रहा है. बीते सालों में ग्रामीण इलाकों में गायों को रखने के लिए गौठान की व्यवस्था की गई थी, लेकिन सरकार की उदासीनता के कारण पशु सड़कों पर विचरण करने मजबूर हैं.
जिला सचिव कैलाश बंजारे ने कहा कि बरसात के दिनों में गाय या अन्य जानवरों के रखरखाव की उचित व्यवस्था न होने के कारण जमीन गीली होती है इस कारण सुखी जगह की तलाश में जानवर रोड पर आकर बैठते हैं, अंधेरा और बारिश के कारण दुर्घटना हो जाने पर इसमें 108, 112, अस्पताल, पुलिस, कचहरी को इन्वॉल्व होना पड़ता है और कई बार सरकार को 2-5 लाख कम्पनसेन्सन भी देना पड़ता है.इस तरह इन गायों या जानवरों का सही रखरखाव ना होने के कारण सरकार को हर साल सैकड़ों करोड़ रुपयों का नुकसान होता है. इसलिए इनका उचित रखरखाव बहुत जरुरी है और इन आवारा पशुओं (कुत्ते और गाय) का सड़कों पर विचरण रोकना अत्यंत जरुरी है.
मधुसूदन साहू ने कहा कि नगर पालिका/ पंचायत और अन्य संबंधित अधिकारियों द्वारा आवारा पशुओं को पकड़ने और उन्हें गौशालाओं या कांजी हाउस में रखने की व्यवस्था की जानी चाहिए. सड़कों पर आवारा पशु छोड़ने वाले मालिकों पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए और आवारा पशुओं की पहचान के लिए उन पर रेडियम बेल्ट और टैग लगाए जाने चाहिए. रोशन सार्वा ने कहा कि लोगों को आवारा पशुओं (कुत्तों एवं गायों) को सड़कों पर न छोड़ने के लिए जागरूक किया जाना चाहिए. पशु मालिकों को जिम्मेदारी से अपने पशुओं की देखभाल करने के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है. सार्वजनिक स्थानों पर आवारा पशुओं के घूमने पर रोक लगाने के लिए सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है. मामले में ज्ञापन सौंपने प्रतिनिधिमंडल में जिलाध्यक्ष बालक साहू, जिला सचिव कैलाश बंजारे, संस्थापक सदस्य मधुसूदन साहू, ओबीसी विंग जिलाध्यक्ष रोशन सार्वा और पूर्णानंद मंडावी पहुंचे थे।