
उत्तर प्रदेश के इटावा में यादव कथावाचक के साथ बदसलूकी का मामला अब सियासी रंग लेने लगा है. कथावाचक का सर मुंडवाकर गांव से भगाने के मामले में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सवाल खड़े किए है और सख्त कार्रवाई की मांग की है.
उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के बकेवर थाना क्षेत्र के दांदरपुर गांव में एक शर्मनाक घटना ने सामाजिक और राजनीतिक हलचल मचा दी है. यहां यादव जाति के भागवताचार्य व्यास मुकुट मणि और उनके सहायक संत कुमार यादव के साथ कथित तौर पर मारपीट, अपमान और चोटी काटने की घटना सामने आई है. इस अमानवीय घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की है, और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.
जानकारी के मुताबिक 21 से 27 जून तक दांदरपुर गांव के एक मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया था. कथा के लिए औरैया के अछल्दा से आए भागवताचार्य मुकुट मणि यादव और उनके सहायक संत कुमार यादव को बुलाया गया था. 21 जून को कथा के पहले दिन कलश यात्रा निकली, लेकिन रविवार की शाम को कुछ ग्रामीणों ने कथावाचक पर जाति छिपाने का आरोप लगाया. बताया जा रहा है कि जब कथावाचक ने अपनी जाति यादव बताई, तो कुछ लोगों ने इसे लेकर आपत्ति जताई और उनके साथ अभद्र व्यवहार शुरू कर दिया.
वायरल वीडियो में दिख रहा है कि भीड़ ने मुकुट मणि और उनके सहायक की चोटी और बाल काटे, उन्हें एक महिला के पैर छूने और नाक रगड़ने के लिए मजबूर किया. इतना ही नहीं, आरोप है कि पीड़ितों को 5 घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया, उनके हारमोनियम को तोड़ा गया और कथित तौर पर उन पर मानव मूत्र का छिड़काव भी किया गया. इस घटना का वीडियो किसी ने बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिसके बाद मामला तूल पकड़ गया.
इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए त्वरित कार्रवाई की. पीड़ितों की तहरीर के आधार पर थाना बकेवर में मुकदमा दर्ज किया गया है, और चार आरोपियों—आशीष तिवारी, उत्तम अवस्थी, प्रथम दुबे उर्फ मनु दुबे, और निक्की अवस्थी—को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. एसएसपी ने बताया कि मामले की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) के नेतृत्व में की जा रही है, और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
इस घटना ने उत्तर प्रदेश की सियासत को गरमा दिया है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर वीडियो साझा करते हुए इसे मानवाधिकारों और संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन बताया. उन्होंने लिखा, “इटावा के दांदरपुर गांव में भागवत कथा के दौरान कथावाचक और उनके सहायकों से केवल इसलिए अमानवीय व्यवहार किया गया क्योंकि उन्होंने अपनी जाति ‘यादव’ बताई. यह वर्चस्ववादी मानसिकता और सामंती सोच की शर्मनाक बानगी है.” अखिलेश ने चेतावनी दी कि यदि तीन दिनों के भीतर दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो सपा पिछड़े, दलित, और अल्पसंख्यक (पीडीए) समुदायों के सम्मान की रक्षा के लिए आंदोलन शुरू करेगी. सपा सांसद जितेंद्र दोहरे, विधायक राघवेंद्र गौतम, और जिला अध्यक्ष प्रदीप शाक्य सहित कई नेताओं ने पीड़ितों के साथ एसएसपी से मुलाकात कर कार्रवाई की मांग की. सपा नेताओं ने इस घटना को जातीय उत्पीड़न का मामला बताते हुए सरकार पर सामाजिक समानता और कानून-व्यवस्था में विफलता का आरोप लगाया.