उत्‍तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने सत्‍ता में आने पर समान नागरिक संहिता यानी UCC लागू करने का वादा किया था. इसके तहत प्रदेश में रहने वाले हर व्‍यक्ति के लिए एक ही कानून की व्‍यवस्‍था करने की बात कही गई. धर्म और जाति के आधार पर किसी तरह का भेदभाव न करने का ऐलान किया गया. विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत हुई और उत्‍तराखंड की भाजपा सरकार ने अपने वादे पर अमल करते हुए प्रदेश में UCC लागू कर दी. विधानसभा से पास इस कानून को 27 जनवरी 2025 से राज्‍य में आधिकारिक तौर पर लागू कर दिया गया. अन्‍य बातों के साथ ही इसका सबसे ज्‍यादा असर शादी-विवाह पर पड़ा. समान नागरिक संहिता के प्रावधानों के तहत प्रदेश में हर धर्म के लोगों के लिए बहुविवाह यानी पहली पत्‍नी के रहते हुए दूसरी शादी का अवैध घोषित कर दिया गया है. ऐसा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई प्रावधान किया गया है. बताया जा रहा है कि भाजपा के पूर्व विधायक और दिग्‍गज नेता सुरेश राठौड़ ने पहली पत्‍नी को तलाक दिए बिना ही दूसरी शादी कर ली. भाजपा ने उन्‍हें पार्टी से 6 साल के लिए निष्‍कासित कर दिया है. अब उनपर जेल जाने की तलवार भी लटकने लगी है.
पहले पूरे मामले को समझते हैं. दरअसल, उत्तराखंड में सत्तारूढ़ भाजपा ने पूर्व विधायक सुरेश राठौड़ को उनकी कथित दूसरी शादी के विवाद के बाद शनिवार को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हरिद्वार के ज्वालापुर निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व विधायक को नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा था. उनका सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह सहारनपुर की अभिनेत्री उर्मिला सनावर को अपनी दूसरी पत्नी के रूप में पेश करते हुए दिखाई दे रहे थे. अपनी पहली पत्नी को तलाक दिए बिना राठौड़ की कथित दूसरी शादी ने पार्टी को काफी शर्मिंदगी में डाल दिया, क्योंकि इस साल जनवरी में राज्य में भाजपा सरकार द्वारा लागू किए गए समान नागरिक संहिता में बहुविवाहको अपराध माना गया है.
फिलहाल पार्टी से बाहर
बीजेपी की ओर से जारी निष्कासन पत्र में कहा गया है कि पार्टी नेतृत्व आपके स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं है. आपने लगातार पार्टी अनुशासन और सामाजिक आचरण के मानदंडों का उल्लंघन किया है. प्रदेश भाजपा महासचिव राजेंद्र बिष्ट द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया है, ‘प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के निर्देश पर आपको पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित किया जा रहा है.’ मुद्दे की बात यह है कि उन्‍हें फिलहाल पार्टी से निष्‍कासित किया गया है, लेकिन उत्‍तराखंड UCC कानून के प्रावधानों के तहत उनके खिलाफ लीगल एक्‍शन का आधार भी बन गया है. ऐसे में सुरेश राठौड़ की मुश्किलें आने वाले समय में और बढ़ सकती हैं.
उत्‍तराखंड UCC के प्रावधान
यूसीसी के लागू होने के बाद शादी का रजिस्‍ट्रेश्‍न अनिवार्य कर दिया गया है. हर ग्राम सभा लेवल पर भी रजिस्ट्रेशन की सुविधा.
– किसी भी जाति, धर्म या संप्रदाय का व्यक्ति हो, उसके लिए तलाक का एक समान कानून होगा.
– इसके अलावा सूबे में बहुविवाह पर रोक. लड़कियों की शादी की उम्र चाहे वह किसी भी जाति-धर्म की हो, एक समान. यानी कि लड़की की शादी की उम्र 18 साल होगी.
– यूसीसी के लागू होने के बाद सभी धर्मों में बच्चों को गोद लेने का अधिकार मिल गया है. हालांकि दूसरे धर्म के बच्चे को गोद नहीं लिया जा सकेगा.
– यूसीसी के लागू होने के बाद उत्तराखंड में हलाला जैसी प्रथा भी बंद. वहीं उत्तराधिकार में लड़कियों को लड़कों के बराबर की हिस्सेदारी.
– उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने के बाद लिव-इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन कराना कपल के लिए अनिवार्य. अगर कपल 18 से 21 साल के हैं तो उन्हें रजिस्ट्रेशन के दौरान अपने माता-पिता का सहमति पत्र भी देना होगा.
– यूसीसी के तहत लिव-इन रिलेशन से पैदा होने वाले बच्चे को भी शादीशुदा जोड़े के बच्चे की तरह ही अधिकार.
– यूनिफॉर्म सिविल कोड के नियम-कानून से शेड्यूल ट्राइब को पू्र्ण रूप से बाहर रखा गया है. इसके अलावा ट्रांसजेंडर और धार्मिक मामलों जैसे पूजा-पद्धति व परंपराओं से किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गई है.
उत्‍तराखंड में जनवरी 2025 में लागू UCC के तहत प्रदेश में बहुविवाह यानी पॉलीगेमी को कानूनी तौर पर प्रतिबंधित कर दिया गया है. पहली पत्‍नी के रहते हुए दूसरी शादी करना प्रदेश में अपराध है. इसके लिए बकायदा सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है. पहली पत्‍नी को तलाक दिए बिना ही दूसरी शादी करने वालों के लिए उत्‍तराखंड के समान नागरिक संहिता में सजा का विशेष प्रावधान किया गया है. ऐसे विवाह में संलिप्त पाए जाने पर 6 महीने तक की जेल या ₹50,000 तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं. जुर्माने का भुगतान न करने पर अतिरिक्त एक महीने की जेल की सजा भुगतनी पड़ सकती है. इस तरह अब सुरेश राठौड़ पर जेल जाने का खतरा भी मंडराने लगा है.