बलरामपुर:- नरेन्द्र पटवा
दिनांक :-08.07.2025
बलरामपुर पुलिस द्वारा थाना कोतवाली उतरौला क्षेत्रान्तर्गत उपडाकघर में 01 करोड़,  60 हजार 249 रूपए  सरकारी धन का धोखधड़ी कर गबन किए जाने की घटना का किया गया सफल अनावरण, घटना मे शामिल 02 अभियुक्त गिरफ्तार
घटना का संक्षिप्त विवरण-
               दिनांक 12.06.2025 को वादी अशोक कुमार सहायक अधीक्षक डाकघर उप मंडल बलरामपुर द्वारा थाना को0 उतरौला में दिए गए प्रार्थना-पत्र के आधार पर कि विपक्षी तत्कालीन पोस्ट मास्टर नरेन्द्र प्रताप उपडाक घर उतरौला द्वारा दिनाँक 14.12.2023 से 09.07.2024 तक के बीच विभिन्न तिथियों में अपने सहयोगी सुनील कुमार व अन्य साथियों के साथ मिल एक करोड़ रूपये उपडाकघर उतरौला से स्टेट बैंक आफ इण्डिय़ा शाखा उतरौला में प्रेषण दिखाया गया परन्तु वास्तव में बैंक को प्रेषण नहीं हुआ । इस प्रकार सरकारी धन का स्थायी दुर्विनियोजन किया गया तत्कालीन पोस्ट मास्टर नरेन्द्र प्रताप उतरौला द्वारा स्टेट बैंक आफ इण्डिया शाखा उतरौला में  विलम्ब से जमा करने और इस प्रकार सरकारी धन का अस्थायी दुर्विनियोजन किये जाने के सम्बन्ध में थाना को0 उतरौला पर मु0अ0सं0-81/25 धारा 409 भारतीय दंड संहिता (बढोत्तरी धारा 467/468/471 भारतीय दंड संहिता) पंजीकृत होकर विवेचनात्मक कार्यवाही क्षेत्राधिकारी ललिया द्वारा की जा रही है ।
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  गिरफ्तार अभियुक्त नरेंद्र प्रताप से पूछताछ करने पर बताया कि जब मैंने उप डाकघर उतरौला का कार्यभार ग्रहण किया उस दौरान मुझे ज्ञात हुआ कि उप डाकघर उतरौला में खजांची नियुक्त नहीं है, खजांची का कार्य भी पोस्टमास्टर द्वारा ही किया जाता है । कार्य के दौरान ही मुझे ज्ञात हुआ कि उप डाकघर उतरौला के खाते का रिकन्साईलमेंट 2-3 साल पीछे चल रहा था इसलिए मेरे मन में अवैध धनार्जन करने का लालच आया और मैंने सोचा कि यदि मैं उप डाकघर उतरौला की सरकारी धन को अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए गबन कर लूं तो किसी को जानकारी नहीं हो पायेगी क्योकि रिकन्साईलमेंट पीछे चल रहा है जिससे बैंक स्टेटमेंट से मिलान संभव नही होगा और मेरी चोरी पकड़ी नही जाएगी। इसी का फायदा उठाते हुए मैने पहले 25  लाख कैश जो स्टेट बैंक भेजा जाना था उसे बैंक न भेजकर फर्जी डाक्यूमेंट तैयार कर उसका प्रेषण दिखा दिया गया और उस पैसे को भौतिक रूप से बैंक में नही भेजा। इसी तरह मेरे सहयोगी सुनील कुमार द्वारा भी अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए 15 लाख रु0 का गबन कर लिया गया, जब लेनदेन की भिन्नता की जानकारी प्रधान डाकघर बलरामपुर को हुई तो गबन का रुपया मैनेज करने के लिए 20 लाख  रुपया प्रधान डाकघर के कर्मचारियों को दिया गया इस तरह मैने व सुनील कुमार ने अन्य विभागीय कर्मचारियों के साथ मिलकर कुल 01 करोड़, 60 हजार 249 रुपये सरकारी धन का गबन कर लिया गया था।