
पूर्वांचल गांधी डॉ. संपूर्णानंद मल्ल देवरिया कलेक्ट्रेट पर करेंगे सत्याग्रह, मेडिकल वैन और सुरक्षा की मांग
देवरिया | प्रतिनिधि
ग्राम घुड़ीकुंड कला (थाना बघौचघाट, तहसील देवरिया सदर) में चकबंदी विभाग की कथित लापरवाही, मनमानी और भ्रष्टाचार के खिलाफ अब गांधीवादी तरीका अपनाया जाएगा। स्वयं को पूर्वांचल गांधी कहने वाले डॉ. संपूर्णानंद मल्ल ने एलान किया है कि वे 3 जुलाई को देवरिया कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने तिरंगा लेकर सत्याग्रह पर बैठेंगे।
डॉ. मल्ल ने आरोप लगाया कि अप्रैल 2024 में ग्राम में सहमति से हुई चकबंदी के 11 महीने बीत जाने के बावजूद नक्शा नहीं बनाया गया। इसके बजाय कानूनगो राजेंद्र शर्मा ने उनकी अनुपस्थिति में विपक्षी पक्ष के साथ मिलकर नवीन चकबंदी कर दी और नया नक्शा तैयार कर दिया, जिससे उनकी ज़मीन पर गैरकानूनी अतिक्रमण का रास्ता खुल गया।
“अगर मेरी बात असत्य साबित हो जाए तो जीवन भर गुलामी करूँगा” – संपूर्णानंद मल्ल
पूर्वांचल गांधी का दावा है कि उन्होंने SDM सदर, CO, SOC और स्वयं जिलाधिकारी से कई बार व्यक्तिगत रूप से मिलकर और आधा दर्जन से अधिक पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने चेताया कि यदि समय रहते प्रशासन ने हस्तक्षेप नहीं किया, तो कभी भी उनके खिलाफ हिंसा या हत्या की साजिश हो सकती है।
तीन बार ज़मीन में जबरन घुसपैठ, FIR तक नहीं
डॉ. मल्ल ने बताया कि 27 अप्रैल, 3 जून और 9 जून को विरोधी पक्ष ने उनकी बाउंड्री के अंदर घुसकर ज़मीन कब्जाने की कोशिश की, लेकिन हर बार प्रशासन को सूचना देने के बावजूद कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। उनका आरोप है कि यह सब चकबंदी विभाग की सांठगांठ और मौन समर्थन से हो रहा है।
स्वास्थ्य खराब, फिर भी सत्याग्रह अटल
उन्होंने कहा कि उनके फेफड़े और लिवर में सूजन है, सांस लेने में तकलीफ है, लेकिन बावजूद इसके वे सत्य, संविधान और अहिंसा के रास्ते पर अडिग हैं। उन्होंने जिलाधिकारी से एक मेडिकल वैन और पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की मांग की है ताकि तिरंगा आंदोलन शांति से संपन्न हो सके।
CBI जांच की मांग
पूर्वांचल गांधी ने इस पूरे मामले की CBI से जांच कराए जाने की मांग की है और चेताया है कि प्रशासनिक चुप्पी कहीं फतेहपुर-रुद्रपुर जैसी जमीनी हिंसा का रूप न ले ले। उन्होंने सवाल उठाया कि नक्शा अब तक क्यों नहीं बना? कब बनेगा – क्या उनकी हत्या के बाद?
प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में
इस पूरे मामले में जिलाधिकारी, SOC, SDM या चकबंदी विभाग के किसी अधिकारी की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।