गोरखपुर पुलिस ने बुजुर्ग राजेंद्र यादव की हत्या का चौंकाने वाला खुलासा किया है. पुलिस जांच में पता चला कि राजेंद्र यादव की हत्या उनके बेटे धर्मेंद्र यादव ने ही की थी. हैरानी की बात यह है कि खुद को पीड़ित दिखाने के लिए धर्मेंद्र ने गांव के 10 लोगों के खिलाफ झूठा मुकदमा भी दर्ज कराया था. लेकिन पुलिस की निष्पक्ष जांच ने सच्चाई उजागर कर दी. शुरुआत में यह मामला आपसी रंजिश का लग रहा था, लेकिन सीन रीक्रिएशन और फोरेंसिक साक्ष्यों ने घटनाक्रम की दिशा बदल दी.
पुलिस की सख्ती और साइंटिफिक जांच के बाद धर्मेंद्र टूट गया. उसने स्वीकार किया कि उसके पिता अकसर उसे डांटते थे कि वह काम पर क्यों नहीं जाता. पत्नी की बीमारी के कारण वह लंबे समय से घर पर ही रह रहा था. इसी बात से परेशान होकर उसने गुस्से में कुल्हाड़ी से पिता की हत्या कर दी. हत्या के बाद खुद को पीड़ित दिखाने के लिए धर्मेंद्र ने गांव के 10 लोगों पर झूठे आरोप लगाए थे. लेकिन पुलिस ने समय रहते सच्चाई सामने लाकर न सिर्फ आरोपी को गिरफ्तार किया, बल्कि निर्दोषों को भी बड़ी सजा से बचा लिया.
मामले का खुलासा पुलिस लाइन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एसएसपी राज करन नैय्यर ने किया. एसएसपी ने बताया कि 16 जून को चौरीचौरा इलाके में गला रेतकर बुजुर्ग राजेंद्र यादव की हत्या का मामला सामने आया था. मामले में एसपी नॉर्थ जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव और सीओ अनुराग कुमार की अगुआई में गहरी जांच हुई. इसी के चलते यह फर्जी मुकदमा सामने आ सका. आरोपी बेटे को आलाकत्ल के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है.