
योगी के ट्रांसफर नीति को अंगूठा, प्रधान सहायक ने 24 घंटे में ट्रांसफर रुकवाया
गणेश मौर्य
अंबेडकर नगर सात साल, नई तबादला नीति को योगी कैबिनेट की मंजूरी, क्या-क्या बदलाव
यूपी के कर्मचारियों के लिए नई तबादला नीति को योगी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। इसके तहत अब कोई भी कर्मचारी एक जिले में तीन साल और मंडल में सात साल ही रह सकेगा। योगी सरकार ने कैबिनेट ट्रांसफर नीति में 2025 और 26 ट्रांसफर को मंजूरी मिलने के बाद 15 मई से 15 जून तक 3 साल से अधिक रहने वाले कर्मचारियों का ट्रांसफर करने के लिए कहा गया उत्तर प्रदेश में ट्रांसफर में भी बड़ा खेल सामने आ रहा है, अंबेडकर नगर जनपद की अकबरपुर लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड में 21 वर्षों से तैनात एक बाबू ने खेल कर दिया।
यूपी के लोक निर्माणविभाग प्रांतीय खड़ का वन क्लास का प्रधान सहायक है जिसकी जिले में तूती बोलती है ये ज़नाब ट्रांसफर रुकवाने में माहिर हैं आखिर कौन सी मलाई का स्वाद ले चुके हैं की अकबरपुर का मोह भंग नहीं हो पा रहा है और सिस्टम के तहत लेनदेन कर ट्रांसफर रुकवा ले रहे हैं राजीव गौड़ के ट्रांसफर के संबंध में अयोध्या के से चीफ पूछा गया तो उनके द्वारा भी असंतोष जनक जवाब दिया गया।पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खड़ का प्रधान सहायक 21 वर्षों से तैनात हैं और विभाग में भी चर्चा का विषय बना हुआ है
सिस्टम मजबूत होने के कारण योगी सरकार के ट्रांसफर नीति को भी अंगूठा दिख रहा है।प्रधान सहायक राजीव कुमार गौड बसपा शासनकाल 2005 से ही अकबरपुर पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड में पोस्टेड है। बताया यह भी जा रहा है कि लगभग तीन बार अपना ट्रांसफर रुकने में मेडल ले चुके हैं, सूत्रों की माने तो विभागीय ठेकेदारों से अच्छी पकड़ है, प्रधान सहायक
2021-22 में पदाधिकारी दिखाकर इन्होंने अपना ट्रांसफर अधिकारियों से रुकवाने में कामयाब हुए।
लेकिन सच्चाई कुछ और ही थी। चुनाव उस वक्त भी नहीं हुआ था। योगी सरकार के निर्देश के बाद 2025 में 14 जून को ट्रांसफर हुआ और 24 घंटे बाद यानी की 15 जून को सिस्टम के तहत इन्होंने फिर अपना ट्रांसफर रुकवाया, जबकि संगठन चुनाव की प्रक्रिया में 7 जुलाई का डेट निर्धारित है।पिछले एक वर्ष से कार्यकारिणी भांग चल रही है। उसके बावजूद ये अपने आप को पदाधिकारीबताकर ट्रांसफर रुकवाने में माहिर है।