
मुबई. फ्लाइंग बीस्ट के नाम से पॉपुलर यूट्यूबर और पायलट गौरव तनेजा ने अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया फ्लाइट 171 क्रैश को लेकर एक वीडियो बनाया और बताया कि यह दुर्घटना क्यों और किस वजह से हुई. इस दुर्घटना में 270 लोगों की मौत हो गई थी, जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया था. यह सवाल उठ रहा है कि आखिर क्या गलत हुआ. सिविल एविशियन मिनिस्ट्री समेत कई जांच एजेंसियां, इसकी पड़ताल करने में लगी हैं. इस बीच, गौरव ने फ्लाइट डेमो के जरिए इस क्रैश को रिक्रिएट किया और अलग-अलग थ्योरीज के हिसाब दुर्घटना के होने की संभावनाओं की पड़ताल की.
गौरव तनेजा का शुरुआत में मानना था कि डुअल इंजन फेलियर सबसे पॉसिबल वजह हो सकती है. लेकिन, डेमो के बाद उनकी सोच बदल गई. फिर उन्होंने कयास लगाया कि फ्लाइट में ओवरलोडिंग या पायलट की गलती समेत कई और कारण इस घटना की वजह हो सकती है.गौरव तनेजा ने वीडियो में सिमुलेशन बैकग्राउंड का जिक्र करते हुए कहा,”मैं इस कारण पर अड़ा हुआ था जब तक कि आज शाम तक. सिम में, सब कुछ सही लग रहा था. टेकऑफ के बाद, हमने 100 फीट पर दोनों इंजनों को बंद कर दिया.” उन्होंने बताया कि एक लंबी दूरी की इंटरनेशनल फ्लाइट के लिए ज्यादा रियल दिखाने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की. गौरव ने कहा,”आमतौर पर, फ्लाइट 62 टन की होती है, लेकिन यह एक लंबी उड़ान थी लंदन के लिए, इसलिए मैंने इसे 70 टन कर दिया.”
गौरव ने कहा कि सिमुलेशन के दौरान का एक्सपीरिएंस उनके ऊपर गहरा प्रभाव छोड़ गया. उन्होंने कहा, “यह डरावना था. मैं फ्रीज हो गया. आप कुछ नहीं कर सकते थे. आप क्या कर सकते हैं? आप केवल प्रार्थना कर सकते हैं और जमीन को अपनी ओर आते देख सकते हैं.” गौरव ने फ्लाइट को सही सलमान टेक ऑफ किया. शुरुआती सेकेंड में फ्लाइट सही से काम कर रही थी. शायद लैंडिंग गियर पीछे नहीं हो रहा था. शायद टेकऑफ के बाद इसमें गड़बड़ी हुई.
गौरव तनेजा ने आगे कहा,” अगर टेकऑफ के समय कोई वॉर्निंग नहीं थी, तो इसका मतलब है कि फ्लाइट या उसके सिस्टम में कोई बड़ी गलती नहीं थी. एक बार जब आप 100 या 400 फीट पार कर लेते हैं, तो आप ऑटोपायलट चालू कर देते हैं. इस मामले में, मुझे नहीं पता कि पायलटों के पास ऐसा करने का समय था या नहीं. लैंडिंग गियर अभी भी नीचे था.”
गौरव तनेजा ने आगे कहा, “सिंपल प्रोसेस यह है: आप टेकऑफ करते हैं, फिर चढ़ाई की पॉजिटिव रेट कंफर्म करते हैं, और फिर टेक ऑफ करने वाला पायलट इसे कॉल करता है, और गियर को ऊपर ले जाया जाता है. लेकिन यहां, गियर नीचे छोड़ दिए गए थे, इससे हिंट मिलता है कि टेकऑफ के तुरंत बाद कुछ एमरजेंसी सिचुएशन रही होगी. पायलट परेशान थे, वे उस समस्या को हल करने की कोशिश कर रहे थे. कोई समय नहीं था या शायद ऊपर के पॉजिटिव रेट की कोई पुष्टि नहीं थी, और फ्लाइट प्रति मिनट लगभग 400 फीट नीचे गिर रहा था.”